संस्कृत की लिपि क्या है? | Sanskrit Ki Lipi Kya Hai?

संस्कृत की लिपि की बात की जाए तो संस्कृत की कोई भी लिपि है ही नहीं| लेकिन फिर भी ब्राह्मी लिपि  संस्कृत भाषा की लिपि मानी जाती है। क्योंकि ब्राह्मी लिपि सभी लिपियों में सबसे पुरानी लिपि है। उत्तर और दक्षिण भारत में सभी लिपियों का निर्माण ब्राह्मी लिपि से ही हुआ है। ब्राह्मी लिपि को सम्राट अशोक ने धम्म लिपि का नाम दिया है। माना जाता है कि पूरे भारत में संस्कृत भाषा ही बोली जाती थी भले ही इसे लिखने के लिए अलग-अलग लिपियों का प्रयोग किया जाता था। माना जाता है कि ब्राह्मी लिपि से ही देवनागरी लिपि का आविष्कार हुआ है।

देवनागरी लिपि में कुल 13 स्वर और 33 व्यंजन है जो की 42 वर्ण होते हैं। देवनागरी लिपि में संस्कृत भाषा का लहज़ा निकलता है। ब्राह्मी लिपि से ही देवनागरी लिपि का विकास हुआ है। और देवनागरी लिपि से बहुत सारी भाषाएं लिखी समझी गई है जिनमें की संस्कृत, हिंदी, राजस्थानी, सिंधी इत्यादि शामिल हैं।

संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा (Sanskrit is the oldest language)

संस्कृत भाषा को सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक माना जाता है।संस्कृत भाषा को देववाणी भी कहा जाता है। क्योंकि माना जाता है की संस्कृति एक ऐसी भाषा है जिसे देवता अपने उपयोग में लाते थे और इसी भाषा से वापस में वार्तालाप करते थे। प्राचीन समय में आपस में हर राज्य के नागरिक संस्कृत भाषा में ही बात करते थे। जैसा कि आज के समय में हम देखते हैं कि हर राज्य अपनी एक अलग भाषा लिए हुए खुद को गौरवान्वित करता है लेकिन प्राचीन समय में केवल संस्कृत भाषा ही पूरे भारत में बोली जाती थी।

संस्कृत भाषा है क्या?(What is Sanskrit language?)

पूरे विश्व में संस्कृत ही इकलौती ऐसी भाषा है जो अपने आप में पूर्ण रूप से संपन्न मानी जाती है। क्योंकि दूसरी भाषाओं को एक दूसरे का सहारा लेकर बनाया गया है लेकिन संस्कृत इकलौती ऐसी भाषा है जो स्वयं से खुद का विकास करके आगे आई है। संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा भी माना जाता है। संस्कृत भाषा को देवों की धरोहर माना जाता है जिसे देवों द्वारा भी बोला जाता था इसके लिए इसे देववाणी भी कहा गया है।

भारत में जितने भी वेद, ग्रंथ, पुराण लिखे गए हैं सभी संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। हमारे भारत देश में हर एक श्लोक संस्कृत भाषा से ही बनाए गए हैं। क्योंकि माना जाता है कि संस्कृत देवों की नगरी से आई हुई भाषा है। इसीलिए यह सबसे शुद्ध है।

संस्कृत भाषा कि विशेषता (Features of sanskrit language)

संस्कृत भाषा को देवनागरी के साथ ही साथ एक वैज्ञानिक भाषा का दर्जा दिया गया है। हम आपको बता दें कि जब कंप्यूटर का आविष्कार हुआ था और वैज्ञानिकों द्वारा कंप्यूटर को किसी भाषा को देने की बात कही गई थी तब पूरे विश्व में हर भाषाओं पर शोध हुआ लेकिन केवल एक संस्कृत भाषा ही ऐसी थी जो कि वैज्ञानिक भाषा थी। जिसकी वजह से आज कंप्यूटर हमारे बीच किसी भी भाषा को या  प्रोग्राम को सपोर्ट करके चलता है। कंप्यूटर की अपनी कोई भी भाषा नहीं है वह संस्कृत भाषा की बदौलत चलता है। हम इसी से अंदाजा लगा सकते हैं की संस्कृत भाषा का क्या महत्व है।

संस्कृत भाषा का व्याकरण सबसे शुद्ध माना जाता है। पर यह केवल जन भाषा नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक भाषा है।

विश्व संस्कृत दिवस किस दिन मनाया जाता है?(On which day the World Sanskrit Day is celebrated?)

विश्व संस्कृत दिवस सन 1969 से श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। और इसी दिन ऋषि पर्व भी मनाया जाता है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचलन को और बढ़ाने के लिए इसका विशेष पर्व मनाया जाने लगा।

तो दोस्तों हमें आशा है कि संस्कृत भाषा से संबंधित आपको सभी जानकारियां हमारे इस लेख में मिली है ऐसी और जानकारी को पढ़ने के लिए आप हमारे दूसरे लेखो को पढ़ सकते हैं।

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