क्या आप जानते हो पल्स कैंडी कंपनी की सफलता कि कहानी? | Pulse Candy Company Success Story

पल्स कैंडी क्या है?-

पल्स कैंडी एक तरह की टॉफी होती है जिसे कि भारत की एक बड़ी कंपनी द्वारा बनाया जाता है। यह देश के हर राज्यों में बिकती है तथा इसका मूल्य केवल एक रुपए है। इसे कच्चे आम से बनाया जाता है तथा के अंदर सेंधा नमक का भी इस्तेमाल स्वाद के लिए किया जाता है यह कैंडी दूसरे कैंडी के मुकाबले स्वाद में भी अच्छी होती है और गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है।अक्सर जब हम दुकान पर कोई सामान लेने जाते हैं तब अगर दुकानदार के पास छुट्टी ना हो तो वह ₹1 की कैंडी दे देता है और यही मार्केटिंग योजना रही है पल्स कैंडी कंपनी की। जब दुकानदार के पास छुट्टे ना हो तो उसके बदले में पल्स कैंडी उसे दे दी जाती थी जिससे कि उसका प्रचार पूरे देश में होने लगा।

पल्स कैंडी के मालिक (Owner of Pulse Candy)

भारत में पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी को डीएस ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है जिसके मालिक सत्यपाल जी हैं। इस कंपनी ने बेहद ही कम समय में अपना नाम पूरे भारत में बना लिया है। मात्र 8 महीनों में इस कंपनी ने लगभग RS 100 करोड़ तक का बिजनेस किया है। अपनी अच्छी गुणवत्ता और कम दाम के कारण यह मार्केट में बिकने वाली सबसे पसंदीदा कैंडी के रूप में जानी जाती है। जिस कारण से इसे हर वर्ग के लोग खरीद पाते हैं।

पल्स कंपनी का इतिहास व स्थापना

पल्स कैंडी कंपनी की स्थापना सन् 1929 में चांदनी चौक के नई दिल्ली में हुआ है। इस कंपनी के संस्थापक लाला धर्मपाल जी है जिसे बाद में उनके बेटे सत्यपाल जी चलाने लगे। उन्होंने ही इस कंपनी का नाम डीएस ग्रुप रखने का निर्णय लिया था।

डीएस ग्रुप कंपनी सामान्य तौर पर कैंडी बनाने के लिए ही प्रसिद्ध है। फरवरी सन् 2015 को गुजरात राज्य में सबसे पहले इन्होंने ट्रेलर के रूप में कैंडी बनाना शुरू किया। जो कि लोगों के बीच काफी पसंद किया गया जिसके बाद से उन्होंने पूरे भारत में अपनी कैंडी बेचने का निर्णय लिया। इसीलिए कहा जाता है कि पल्स कंपनी का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है केवल 5 से 6 सालों में ही इस कैंडी ने मार्केट पर अपना पूरा दबदबा बना लिया। यह कैंडी बच्चों में स्वाद और पौष्टिकता के लिए काफी मशहूर है।

पल्स कैंडी बनाने का आईडिया कैसे मिला?

पल्स कंपनी ने अपने एक रिसर्च से यह पता किया कि भारतीयों को किस प्रकार के स्वाद में ज्यादा रुचि है? जहां उन्होंने पाया कि लगभग 50% लोगों को कच्चे आम का स्वाद ज्यादा अच्छा लगता है इसलिए कंपनी ने अपनी कैंडी में थोड़ा खट्टा मीठा स्वाद डालकर उसे कच्चे आम जैसा बनाया जिसे कि पूरे भारत में पसंद किया गया और यह कंपनी हर दिन अपनी सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने लगी।

पल्स कैंडी कंपनी का मुख्य उद्देश्य

पल्स कैंडी कंपनी का सबसे मुख्य उद्देश्य रहा है कि स्वाद और गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या समझौता नहीं करना है जिसके वजह से आज यह कंपनी अपनी ऊंचाइयों को हर दिन छुती जा रही है। इस कैंडी में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती है ऐसा वहां के कर्मचारियों ने बताया है।

पल्स कैंडी के रैपर का रंग

Pulse Candy के रैपर का रंग हरा और काला रखा गया है क्योंकि सामान्य तौर पर कच्चा आम हरे रंग का ही होता है और यह कैंडी कच्चे आम से बनी हुई है इसीलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए इसका अधिकतम भाग हरा रखा गया है। और कुछ भाग काला रखा गया है। इस रैपर में आधे से ज्यादा हरा रंग थोड़ा काला रंग है जिसके ऊपर सफेद रंग से कैंडी का नाम लिखा गया है तथा साथ में नारंगी रंग का उपयोग किया गया है।

पल्स कैंडी कम्पनी का मार्केट में नाम व पहचान

पल्स कैंडी कंपनी इसलिए भी मशहूर है क्योंकि सामान्य तौर पर कच्चे आम हर समय नहीं मिल पाते हैं। लेकिन लोगों में कच्चे आमों की डिमांड बहुत होती है इसीलिए पल्स कैंडी कंपनी में कच्चे आमों की कैंडी बनाना शुरू किया।और लोगों के बीच बेचना शुरू किया। जिसके बाद इसमें अपनी नई नई ऊंचाइयां छूना शुरू कर दिया।लेकिन समय के साथ-साथ पल्स कंपनी ने अमरूद ,संतरा, पाइनएप्पल और लीची फ्लेवर में भी कैंडी बनाना शुरू कर दिया। और पल्स कैंडी कंपनी इसलिए भी मशहूर है क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं की जाती है। 

पल्स कैंडी का प्रचार-प्रसार

पल्स कैंडी कंपनी ने अपनी कैंडी का कोई विशेष प्रचार नहीं किया है। इसने शुरुआत में टीवी पर थोड़ी बहुत Advertisement चलाए थे लेकिन बाद में उसे धीरे-धीरे कम कर दिया। इसके बाद लोगों ने इसे खाकर इसे पसंद किया तो एक दूसरे से इसका प्रचार-प्रसार खुद-ब-खुद शुरू कर दिया। जैसे कि किसी एक में खाया तो दूसरे से उसकी तारीफ की दूसरे ने खाया तो तीसरे से ऐसे करके ही यह पूरे भारत में मशहूर हो गए।

पल्स कैंडी के लिए टैगलाइन

किसी भी कंपनी को अपने कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए किसी विशेष टैगलाइन की जरूरत होती है जिससे कि मार्केट में उसके कंपनी का आसानी से प्रचार हो सके। जिससे कि टैग लाइन के जरिए न्यूज़, रेडियो,पेपर जैसे जगहो पर भी कंपनी का प्रचार होता है। तो ठीक उसी प्रकार पल्स कैंडी कंपनी ने भी अपनी एक टैगलाइन बनाई जिससे कि वे अपना प्रचार कर सके। प्लस कैंडी कंपनी की टैगलाइन “प्राण जाए पर कैंडी ना जाए” की रही है।

पल्स कैंडी कंपनी का सालाना टर्नओवर कितना है?

Pearls Candy कंपनी की सालाना टर्नओवर मतलब की एनुअल नेटवर्थ लगभग 1600 करोड रुपए है जो कि लगभग हर साल 12 से 14% की दर से बढ़ती ही जाती है। पर कैंडी कंपनी की सन 2015 में 300 करोड़ की नेटवर्थ थी।

पल्स कैंडी कंपनी कहाँ स्थित है? व इसकी Share Price

पल्स कैंडी कंपनी नोएडा में स्थित है जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग 150 करोड़ की शेयर प्राइस सेल है।

दोस्तों हमें आशा है कि पल्स कैंडी कंपनी की स्थापना, इतिहास और बाकी सभी जानकारियां हमने आपको विस्तृत रूप से दी है। हमे उम्मीद है कि आपको हमारा इस लेख में पल्स कैंडी के विषय में सभी बातें अच्छे से समझ आयी होगी,और आप हमारे इस लेख से लाभान्वित जरूर होंगे।

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