बकरी पालन कैसे शुरू करें?
बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे गांवों में भी किसी भी स्तर के लोग अपने रोजगार का माध्यम बना सकते हैं। वह भी बड़ी ही आसानी से। इसके लिए आपको किसी भी प्रकार की योग्यता, क्वालिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है। आप इसे एक छोटे स्तर से शुरू करके बड़े स्तरतक ले जा सकते हैं। इसके लिए आपकी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। इसे आप कम इन्वेस्टमेंट से भी शुरू कर सकते हैं जिसे की खोलने के लिए निम्नलिखित प्रकार के चरणों को आपको पूरा करना होता है इसे हमने अपने इस लेख में बताया है-
सही नस्ल की बकरी को व्यवसाय के लिए चुने
आमतौर पर बाजारों में दो प्रकार की बकरियां पाई जाती हैं पहली जो कि ज्यादा दूध देती है और दूसरी वें जो कि कम समय में ही बड़ी हो जाती हैं। आप चाहे तो यह दोनों ही प्रकार की बकरियां पाल करके पैसे कमा सकते हैं लेकिन इन दोनों ही नस्ल की बकरियों में अलग-अलग तरह से देखभाल की जरूरत होती है तो आपको इसका भी बहुत विशेष ध्यान देना होता है।
अच्छी नस्ल की बकरियों के प्रकार
बकरियों के प्रकार और उनके बारे में कुछ प्रमुख जानकारी निम्नलिखित हैं-
- देसी बकरी-देसी बकरीयां प्राचीन समय से पाली जा रही हैं और अधिक गांवों में पाई जाती हैं। इनका शरीरिक रूप रेखा साधारण होती है, और इनका रंग सफ़ेद, काला, भूरा या मिक्स होता है। देसी बकरियाँ आमतौर पर दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं।
- जमुनापारी बकरी- जमुनापारी बकरीयां उत्तर प्रदेश के जमुना नदी के किनारे पाई जाती हैं। इनकी पहचान करने की ख़ासियत लंबी और मोटे शरीर वाली होती है। जमुनापारी बकरी दूध के लिए प्रसिद्ध हैं और अच्छी दूध का उत्पादन करते हैं।
- बारबरी बकरी- बारबरी बकरीयां भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से मिली जाती हैं। इनकी पहचान करने की ख़ासियत छोटी और मोटे शरीर वाली होती है। बारबरी बकरियां दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं।
- सिरोही बकरी- सिरोही बकरीयां राजस्थान के सिरोही जिले से मिलती हैं। इनकी पहचान करने की ख़ासियत बड़े और मोटे शरीर वाली होती है। सिरोही बकरीयां दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं।
- बीटल बकरी-बीटल बकरीयां पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाई जाती हैं। इनकी पहचान करने की ख़ासियत सुंदर रंगीन शरीर होता है, जिसका लाल, सफ़ेद, और काले रंग के मिश्रण होते हैं। बीटल बकरियाँ दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं।
- उस्मानाबादी बकरी-उस्मानाबादी बकरीयां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले से मिलती हैं। इनकी पहचान करने की ख़ासियत मोटे शरीर वाली होती है और इनका रंग सफेद, भूरा और काला होता है। उस्मानाबादी बकरीयां दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं।
ये कुछ प्रमुख बकरियों के प्रकार हैं, लेकिन ये सिर्फ चुनिंदा प्रकार हैं और और भी अनेक प्रकार की बकरियों के प्रकार हैं।
बकरियों को रखने के लिए कैसी जगह चुनें?
बकरियों को रखने की जगह या शेड निमन् सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए-
- सुरक्षा- बकरियों के लिए रखा जाए कि जगह सुरक्षित होनी चाहिए, जिसे उन्हें खतरे से बचाया जा सके। इसमें मजबूती और टिकाऊपन का ध्यान रखा जाए, ताकि जहां कोई भी प्राकृतिक प्रभाव से कोई असर न हो।
- वेंटिलेशन-बकरियों के शेड में अच्छी हवा का सर्कुलेशन होना चाहिए। इसके लिए खिड़कियाँ, वेंटिलेटर, या अन्य हवादार दरवाज़े होने चाहिए। ये मदद करेगी बकरियों को स्वस्थ रखने में और गर्मी या बदबू को कम करने में।
- फ्लोरिंग- बकरियों के लिए रखें कि जगह का फ्लोरिंग ऐसा होना चाहिए जो साफ, सुखद और अस्पताल के लिए अनुकूल हो। सीमेंटेड फर्श या पक्का फर्श उपयुक्त है, क्योंकि इसे बकरियों को सफाई और स्वच्छता का अच्छा मौका मिलता है।
- प्रकाश व्यवस्था- बकरियों के शेड में प्रकाश होना जरूरी है। दिन में प्राकृतिक रोशनी के लिए खिड़कियाँ और रोशनदान होने चाहिए और रात में कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए। इसे बकरियों को डर नहीं लगता और उनका व्यवहार भी अच्छा रहता है।
- पानी की उपलाब्धि- बकरियों के लिए रखने की जगह में पानी की उपलब्धि होनी चाहिए। इसके लिए पानी का टैंक, कुंड, या अन्य पानी प्रदान करने की व्यवस्था होनी चाहिए। बकरियों को पीने के लिए साफ और स्वच्छ पानी का उपयोग करना जरूरी है।
- भोजन और पानी देने की व्यवस्था- बकरियों के शेड में खाने और पानी देने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए फीडर और वॉटरर्स का उपयोग करें, जिसे बकरियां आसान से खाना और पानी ले सकें।
- स्पेस- बकरियों के लिए पर्याप्त जगह होना जरूरी है। हर बकरी के लिए 10-15 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए।
- स्वच्छता- बकरियों के शेड को स्वच्छ और साफ रखना जरूरी है। नियमित सफाई और कीटाणुशोधन का ध्यान रखें। बकरियों के शेड के आस-पास गन्दगी, कचरा, या बदबूदार पदार्थ न होने दे।
ये सुविधाओं को ध्यान में रख कर बकरियों को रखने की जगह बनाएं, जिनको अच्छी सुरक्षा, स्वास्थ्य परिवर्तन, और सामान्य व्यवहार मिल सके।
बकरियों के शेड कैसे बनाएं?
बकरियों के शेड बनाने के लिए, निम्नलिखित तरिका फॉलो कर सकते हैं-
- स्थान चयन- बकरियों के शेड के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनें। ये स्थान बकरियों को सूरज की रोशनी, ठंडी हवा और अच्छा वेंटिलेशन प्रदान करता है।
- शेड का डिज़ाइन- शेड का डिज़ाइन आपके बकरियों की संख्या और आपके स्तर पर निर्भर करेगा। एक छत, चारों तरफ से बंद होना चाहिए और बकरियों को धूल, गर्मी, बारिश और अन्य प्राकृतिक अवसरों से सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
- सामग्री चुनाव- शेड बनाने के लिए आपको कुछ सामग्री की जरूरत होगी, जैसे की काठ, सीमेंट, पत्थर, लकड़ी, टिन की चादरें, इत्यादी। समग्रियों को आपके बजट और स्थान के अनुरूप चुनना चाहिए।
- वेंटिलेशन- बकरियों के शेड में अच्छी वेंटिलेशन प्रदान करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए, शेड में विंडोज़ या वेंटिलेटर का उपयोग करें। ये बकरियों को ठंडी हवा और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करेंगे।
- सुरक्षा उपाय- बकरियों के शेड में सुरक्षा उपायों का ध्यान रखें। शेड को छोटे जानवरों से दूर रखें, जैसे कि कुत्ते या अन्य भयंकर जानवर। शेड में अग्निशामक यंत्र और मेडिकल किट जैसे सुरक्षा उपकरण भी रखें।
बकरियों के शेड के प्रकार
बकरियों के शेड बनाने के बहुत से प्रकार हैं जिनमे-
- पक्की शेड- ये शेड पक्का है या परमानेंट होता है, जिसे सीमेंट, पत्थर, लकड़ी, और अन्य स्थिर सामग्री से बनाया जाता है। इसमें एक ठोस नींव होती है और इसकी दीवारें, छत और फर्श मजबूत सामग्री से बने होते हैं। पक्की शेड बकरियों को अच्छी सुरक्षा और आराम प्रदान करता है।
- सेमी-पक्की शेड- ये शेड अधिकांश तथा सस्ते मटेरियल से बनाया जाता है। इसमें दीवारें और छत का निर्माण पक्का होता है, लेकिन फर्श और नींव का काम मजबूत होता है। सेमी-पक्की शेड बकरियों को थोड़ी सुरक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन लम्बे समय तक टिकने के लिए उत्तम नहीं होता है।
- अस्थायी शेड- अस्थायी शेड अस्थायी या अव्यवस्थित होता है। इसमें जैसे ही जरूरत पूरी हो जाती है, इसे हटा दिया जा सकता है। अस्थायी शेड आमतौर पर हल्की सामग्री जैसे कि तिरपाल, पॉलिथीन शीट, या बांस से बनाया जाता है। ये शेड बकरियों को छोटे समय के लिए सुरक्षित रखने के लिए इस्तमाल होता है।
- खुला आश्रय- खुले आश्रय में कोई भी भौतिक संरचना नहीं होती है। ये एक खुला स्थान होता है जहां पर बकरियां रहती हैं। इसमें छाया या पेड़ों का उपयोग किया जाता है, जिसे बकरियों को धूप, बारिश, या अन्य प्राकृतिक प्रभावों से बचाया जा सकता है। खुला आश्रय बकरियों के लिए काम सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन खुले स्थल का फ़ायदा होता है कि बकरियां स्वच्छ पर्यावरण में रहती हैं।
ये प्रमुख बकरियों के शेड के प्रकार हैं। शेड का चुनाव आपके बकरियों की संख्या, स्थान की सुविधाएं, और बजट पर निर्भर करेगा।
बकरियों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी रखें
बकरियों के संबंध में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए जैसे में उन्हें खाने में क्या देना चाहिए? क्या नहीं देना चाहिए? उन्हें कैसी जलवायु में रखना चाहिए? उनके लिए क्या चाहिए? क्या नहीं चाहिए? उनके स्वास्थ्य के संबंध में आपको पूरी जानकारी रखनी चाहिए। तथा कौन सी बकरी कितने समय में गर्भवती होती है? या उनकी आयु कितनी होती है? ऐसी ही अन्य मुख्य बातें जिन्हें आपको बकरियों के संबंध में जानना अति आवश्यक होता है। अगर आप यह नहीं जानते हैं तो इन्हें आपको पता करना चाहिए।
बकरी पालन शुरू करने के लिए लाइसेंस
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको उस राज्य के किसी आधिकारिक पोर्टल से सबसे पहले लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है इसके लिए आपको कुछ शुल्क भी जमा करना होता है इसके बिना आप अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते हैं।
बकरी पालन के लिए लोन और सब्सिडी लाभ
अगर आपके पास बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए पैसे नहीं है तो आप किसी भी गवर्नमेंट स्कीम या सब्सिडी का लाभ लेकर आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। आपके व्यवसाय को शुरू करने के लिए बहुत से ऐसे बैंक है जो लोन देते हैं जैसे में SBI, ICICI, HDFC इत्यादि बैंक।
बकरी पालन में लागत और मुनाफ़ा
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आपके पास कम से कम 2.5 से ₹3,00,000रूपये की पूंजी होनी चाहिए। क्योंकि एक बकरी फार्म खोलने के लिए ही आपके पास एक काफी बड़ी जगह होनी चाहिए इसके लिए आपको उसका भाड़ा देना होता है, फिर बिजली का बिल, बकरियों के चारा की व्यवस्था, इनकी देखभाल और स्वास्थ्य के लिए खर्च, अलग-अलग बकरियों की अलग-अलग कीमतें कम से कम एक बकरी 10000 rs से 20000rs तक खरीदी व बेंची जाती है।
और अगर इनसे मुनाफे की बात करें तो एक बकरी हर साल लगभग 1 से 2 बच्चे देती है जिन्हें बेचकर आप पैसे कमा सकते हैं या अपना व्यवसाय बढ़ा सकते हैं और साथ ही साथ उनके दूध और मांस को बेचकर भी काफ़ी मुनाफा कमाया जाता है। ध्यान दें कि शुरुआत में बकरियों के शेड बनाने में पैसे खर्च होते हैं, शुरू में बकरियां खरीदने जे पैसे लगते हैं लेकिन बाद में जैसे-जैसे आप का व्यवसाय बढ़ाते जाते हैं वैसे-वैसे आपकी कमाई बढ़ती ही जायेगी जिसमे आप सालाना लगभग 5 लाख से 6 लाख रूपये तक कमा लेते हैं।
बकरी पालने के फ़ायदे
बकरी पालने के बहुत सारे फायदे हो सकते हैं जिनमे से-
- कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
- बकरीयों से 2 से 3.5 लीटर तक दूध प्राप्त होता है जिसे बेचकर आप पैसे कमा करते हैं।
- कम जगह में अधिक बकरियां पाल सकते हैं।
- कुछ नहीं आता है आप यह काम शुरू करके अपना रोजगार का एक नया तरीका बना सकते हैं।
- अन्य पशुओं की तुलना में बकरियों की कम देखभाल करनी पड़ती है।
- बकरियों के मांस को मार्केट में बेचकर आप पैसे कमा सकते हैं।
दोस्तों हमारे इस लेख में हमने आपको बताया कि बकरी पालन व्यवसाय किस तरह से शुरू किया जाता है? तथा उनका शेड कैसे बनाया जाता है? वह कितने प्रकार की होती हैं? उनके स्वास्थ्य के लिए आपको क्या करना चाहिए?तो हमें आशा है कि आप जो जानकारियां चाहिए थी वे सभी जानकारियां हमने दी हैं जिससे कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा।