हरित क्रांति क्या हैं और कब से शुरू हुई? जानिये पुरी जानकारी | Harit Kranti Kise Kahate Hain?

हरित क्रांति क्या है? | Harit Kranti Kya Hai?

भारत में चौथी पंचवर्षीय योजना के आरम्भ में हरित क्रान्ति (Harit Kranti) का जन्म हुआ। हरित क्रान्ति की शुरुआत सन् 1967-68 में करने का श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता हैं। लेकिन भारत में एम. एस. स्वामीनाथन (M.S.Swaminathan) को इसका जनक (harit kranti ke janak) माना जाता हैं। हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक ऊपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं। हरित क्रान्ति भारतीय कृषि में लागू की की गई उस विकास विधि का परिणाम हैं, जो 1960 के दशक में पारम्परिक कृषि को आधुनिक तकनीक द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने के रूप में सामने आई। क्योंकि कृषि क्षेत्र में यह तकनीकि एकाएक आई, तेजी / से इसका विकास हुआ और थोड़े ही समय में इससे इतने आश्चर्यजनक परिणाम निकले कि देश के भोजनाकारों, कृषि विशेषज्ञों / तथा राजनीतिज्ञों ने इस अप्रत्याशित प्रगति को ही ‘हरित क्रान्ति’ की संज्ञा प्रदान कर दी। हरित क्रांति के शुभागमन का सर्वाधिक श्रोम भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व० लाल बहादूर शास्त्री द्वारा दिए गए जय जवान-जय किसान’ के नारे को भी दिया जा सकता हैं।

हरित क्रांति की विशेषताएं | Features of Green Revolution

हरित क्रांति की मुख्यतः कुछ विशेषताएं है-

  • कृषि क्षेत्र में उत्पादन की तकनीक को सुधारना।
  • कृषि क्षेत्र में फसलों तथा उत्पादन में वृद्धि करना।
  • कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करना।
  • रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना।
  • कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य का निर्धारण करना।
  • कृषि शोध एवं भूमि का परीक्षण करना।

भारत में हरित क्रांति के मुख्य तत्व क्या है? | What are the main elements of Green Revolution in India? | Harit Kranti ke Mukhya Khatak Kya hai?

कृषि में तकनीकि एवं संस्थागत सुधार के मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं. 

(i) अधिक उपज देने वाली फसलों का कार्यक्रम :- जिन क्षेत्रों में सिंचाई की पर्याप्त और विश्वसनीय सुविधाएँ उपलब्ध है अथवा जिन क्षेत्रों में वर्षा का पर्याप्त जल मिल जाता हैं- वहाँ अधिक देनेवाली फसलों के बीजों उपज का प्रयोग हरित क्रांति के अन्तर्गत किया जाता है। हरित क्रांति के आने से सबसे फायदा गेहूँ के उपज का हुआ। 

(ii) सुधरे हुए बीज :- हरित क्रान्ति की सफलता अधिक फसल देनेपाली किस्म तथा उनके बढ़िया बीजों पर निर्भर करती हैं। उनता, हरित क्रांन्ति के अन्तर्गत केवल बढ़िया किस्म के बीजों का प्रयोग एवं उनकी व्यवस्था करना आवश्यक हैं। इस दृष्टि से ही देश भर में लगभग 4,000 कृषि फार्म स्थापित किए गए हैं जहाँ बढ़िया किस्म के बीजों की उत्पत्ति होती हैं।

(iii) रासायनिक खाद :- जिस समय भारत में हरित क्रांति का प्रयोग शुरू हुआ, उस समय भारत के सम्मुख प्रमुख समस्या खा‌द्यान्न उत्पादन मात्रा में वृद्धि करने की थी। अत: उसी समय से कृषि भूमि में रासायनिक खाद की मात्रा बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा हैं। इस सन्दर्भ में चेिस्टर बोल्स’ का पथन है कि ए रासायनिक खादों के यभेष्ट प्रयोग से खाद्‌यान्न उत्पादन की मात्रा तीन गुना तक बढ़ायी जा सकती हैं।” अता हरित क्रांति के शुरुआत के साथ ही भारत में उर्वरकों की खपत में लगातार वृद्धि होती रही है।

हरित क्रांति के क्या उद्देश्य हैं? | What are the Purpose of Green Revolution? | Harit Kranti ka Uddeshya Kya hai?

  • भारत में हरित क्रांति पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत में ही भुखमरी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए शुरू की गई थी।
  • जब भारत में कच्चा माल मिलने लगेगा तो उद्योग भी भारत में ही लगेंगे जिससे कि बेरोजगारी की समस्याओं का खात्मा हो सकेगा इसी उद्देश्य से हरित क्रांति लाई गई थी।
  • हरित क्रांति के अंतर्गत वैज्ञानिकों के अध्ययन के माध्यम से यह अंदाजा लगाना की कौन सी मिट्टी और जलवायु किस फसल के लिए अच्छी है उसके बाद खेती करना शुरू किया गया।
  • प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर कई राष्ट्रों में केवल एक ही साल में कई फसलें पैदा की जाने लगी।

भारत में हरित क्रांति क्यों आई? | Why did Green Revolution Come in India? | Harit Kranti Bharat me Kyu Aayi?

  • भारत में हरित क्रांति लाने का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि बंगाल में अकाल के कारण लगभग 40 लाख लोग मारे गए थे जिसे देखते हुए सरकार ने हरित क्रांति लाने का फैसला किया।
  • आजादी के बाद देश में भुखमरी और आर्थिक संकट अधिक था इसे देखते हुए सरकार ने भारत में हरित क्रांति लाने का फैसला किया।
  • हरित क्रांति के वजह से कृषि क्षेत्र में उत्पादन क्षमता में काफी वृद्धि देखने को मिल रही थी जिस कारण सरकार ने भारत में हरित क्रांति को शुरू किया।
  • भारत में दिन-प्रतिदिन जनसंख्या वृद्धि के कारण खाद्य पदार्थों में कमी देखने को मिलने लगे जिस कारण सरकार ने खाद्य पदार्थों की पूर्ति के लिए केवल हरित क्रांति को ही एक आधार देखकर भारत में इसकी शुरुआत की।

तो दोस्तों हमें आशा है कि हरित क्रांति से संबंधित सभी जानकारियां आपको हमारे Article  में मिली है जिसे आप जानना चाहते थे ऐसे ही और जानकारियों को पढ़ने के लिए आप हमारे दूसरे लेखों को पढ़ सकते हैं।

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