Vanilla Farming Business: भारत मे वैनिला की खेती कैसे करें? जानिये पुरी जानकारी

वैनिला की खेती एक ऐसी खेती है जिसकी खेती करके आप लाखों रुपए कमा सकते हैं। वेनिला की कीमत हर साल बढ़ती जाती है। 2015 में वैनिला बीन्स 11500 रु प्रति किलो थी, जो 2016 में बढ़कर 14500 रु और 2017 में 24 हजार रु तक पहुंच गई। और अब इसका भाव 40 हजार रूपये तक हो गया है। इसकी सबसे ज्यादा पैदावार मैडागास्करमें होती है जो कि लगभग 75% है।

वैनिला से केक, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक के साथ साथ सौंदर्य प्रसाधन की चीजें भी बनाए जाते हैं। वैनिला एक ऐसा फल है, जिसके नियमित उपयोग से हम कई प्रकार के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।

दोस्तों हम आपको अपनी इस लेख में वैनिला की खेती करने का तरीका बताएंगे।

वैनिला की खेती कि प्रक्रिया-

जलवायु

वैनिला की खेती को नमी ,छाया और मध्यम तापमान की जरूरत होती है।

मिट्टी

वैनिला की खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है इसका पीएच 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए। और इसके खेत को खरपतवार से हमेशा साफ रखने चाहिए।

जुताई

वैनिला की खेती करने से पहले खेत को अच्छी तरह से जुतवा देना चाहिए। और उसके बाद खेत में गोबर, जैविक खाद और केंचुए की खाद का उपयोग करना चाहिए।

रोपाई का तरीका

वैनिला की खेती बीज और पौधे कटिंग दोनों से होती है लेकिन ज्यादातर इस के कटिंग पौधों की रोपाई ही की जाती है। इसकी रोपाई तभी करें जब वातावरण में नमी हो। कटिंग की रोपाई करने के लिए पहले खड्डे बनाकर उसमें सड़े हुए गोबर भर देने चाहिए। और उसके ऊपर कटिंग को लगाना चाहिए। कटिंग ज्यादा अंदर तक नहीं होनी चाहिए।

रोपाई करने के बाद उसे हल्की मिट्टी व पत्तो से ढक देना चाहिए। एक कटिंग पौधे से दूसरे कटिंग पौधे की दूरी कम से कम 8 फीट तक की होनी चाहिए। और इन्हें सहारा देने के लिए किसी 8 से 10 फीट लंबे पिलर या बांबू जैसे किसी चीज का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। और बेल को फैलने के लिए तार बांधी जाती है जिसके सहारे वह पर तक छोड़कर फैल जाते हैं।

1 एकड़ खेत में 24 से 25 सौ पौधे रोपे जाते हैं।

सिंचाई

वैनिला के पौधों को खेत में लगाने के बाद दो दिन के अंतराल में फव्वारा या ड्रिप सिस्टम की पाइप लाइन बिछा कर सिंचाई की जाती है। इसके अलावा 100 लीटर पानी में 1 KG एनपीके की मात्रा को मिलाकर उसका छिड़काव करे |

खाद

वैनिला की खेती के लिए जैविक खाद व गोबर की खाद का उपयोग कर सकते हैं। और इसके खेत को रोग और कीटाणुओं से बचाने के लिए खेत को मलबे मुक्त रखना चाहिए।

समय

वैनिला की खेती के लिए काफी धैर्य की जरूरत होती है और मेहनत भी। क्योंकि वैनिलाकी फसल 3 साल बाद पैदावार देना शुरू करती है। फूल के बाद फल को आने में 9 से 10 महीने का समय लगता है। वैनिलाके बेलों की लंबाई 150 cm से अधिक नही होती है। 

वैनिलाके पौधे व उसकी उपज

वैनिला एक बेलदार पौधा है जिसका तना लंबा और बेलनकार होता है। 

इसके पौधों से फल और फूल दोनों ही प्राप्त हो जाते है, जिसमे फल कैप्सूल जैसा होता है, और सूखे हुए फूल अधिक सुगन्धित होते है | वनीला की एक खास बात यह है, कि इसके एक फल से अधिक मात्रा में बीज मिल जाते है |

बिज के दाम व खेती से मुनाफ़ा

वैनिला के 1 किलो बीज का दाम 50000 से ₹100000 तक होता है। और प्रति एकड़ वैनिलाकी खेती से 32 किलो वैनिला प्राप्त किया जाता है। जिनमें 1 किलो वैनिलाका दाम आज के समय में 40000रूपयेसे ऊपर है।

वैनिला की खेती के क्षेत्र

वैनिला मुख्य रूप से ग्वाटेमाला, मध्य अमेरिका और दक्षिण पूर्वी मेक्सिको मूल का पौधा है | इसके अलावा जंजीबार, टांगो, वेस्टइंडीज, जावा, युगांडा, मेडागास्कर, ताहिती,भारत और जमैका देशो में भी वनीला की खेती करते है |

भारत के अलावा दुनिया अन्य देशों में वेनीला की बहुत मांग है। वनिला की कीमत भारत में ऊपर नीचे होती रहती है।

भारत में वैनिला की खेती से लाभ

भारत में दूसरी खेती के साथ-साथ वैनीला की खेती को भी अब काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है व्यवसायिक दृष्टिकोण से। क्योंकि वैनिला के कीमतों में लगातार उछाल आते रहता है। वैनिला की सबसे ज्यादा पैदावार मैडागास्कर में होती है, जो कि पूरे विश्व की 75% है।

लेकिन बीते कुछ समय से मेडागास्कर में आए तूफान की वजह से वहाँ से वैनिला उतना प्राप्त नहीं किया जा सका है जिस कारण वनीला की कीमतें बढ़ कर 40 से ₹50000 रूपये किलो हो गई है। जिस कारण से भारत में किसानों द्वारा वैनिला कि खेती को दोबारा से करने का प्रयास किया जाने लगा है।

भारत में इस खेती को सन् 2000 से शुरू किया गया था, लेकिन भारत में कुछ कारणों से लगभग डेढ़ दशक बाद वैनिला के दाम घटकर 50 रूपये KG तक आ गये थे। और इस लगातार वनीला की घटती हुई कीमतों ने किसानों को उदास कर दिया था। जिस कारण भारत में लगभग 300000 किसानों ने वैनिलाकी खेती शुरू की थी, लेकिन वह घटकर केवल 100 से डेढ़ सौ तक ही रह गई थी।

अब वैनिला की बढ़ती हुई कीमतों की वजह से भारत में किसानों के बीच आशा की एक किरण फिर से दिखाई देनी शुरू हो गई है ,जिससे कि किसानों द्वारा फिर से वैनिला की खेती शुरू होने लगी है।

भारत में वैनिला कि खेती

भारत में वैनीला कीखेती सबसे अधिक कर्नाटक में होती है। और उसके बाद केरल और तमिलनाडु राज्य आते हैं। वैनिला एक मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसे पूरे विश्व में सबसे अधिक आइसक्रीम बनाने के व केक बनाने के काम में लाया जाता है।

भारत में वैनिला के प्रकार

भारत में वैनिला की खेती की जाने वाली तीन महत्वपूर्ण प्रजातियां हैं। 

  • मैक्सिकन वैनिला
  • वेस्ट इंडियन वैनिला
  • ताहिती वैनिला

वैनिला एक बेहद ही सुगंधित पदार्थ है। यह मूल रूप से मेक्सिको में पाया जाता है। Vanilla को अलग-अलग नामो से कई देशो में बुलाया जाता है जिसमें वैनिला, वनीला, वानीला,वैनीला शब्द हैं।

वैसे तो भारत में सबसे महंगा केसर बिकता है लेकिन उसकी खेती भारत में कुछ जगहों पर ही हो सकती है।लेकिन वैनिला की खेती एक ऐसी खेती है जिसे पूरे भारत में किया जा सकता है। क्योंकि यह पौधा विदेशी है इसी वजह से इसे बहुत कम लोग ही जानते हैं।

भारत में वैनिला से परफ्यूम,पाउडर,केक ,आइसक्रीम ,कोल्ड ड्रिंक्स और बहुत सी चीजें बनाई जाती है इसके नियमित उपयोग करने से मानव शरीर की इम्युनिटी पॉवर और बढ़ती है।

वैनिला के बढ़ते हुए दामों को देखते हुए अगर सरकार द्वारा किसानों को सहायता मिली तो भारत के हर राज्य में इस खेती को करना चाहिए, जिससे कि हर किसान यह खेती करके लाखों रुपए कमा सकता है।

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