रेशम कीट पालन क्या है? | What is Sericulture?
रेशम कीट पालन एक प्रकार की खेती है जिसमें सिल्क या रेशम कीट को पाला जाता है ताकि उसके कोकून यानि की रेशम के धागे उत्पन्न किए जा सके। रेशम कीट पालन क्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है, जिसमें रेशम कीटों को पालना तथा उनके चरण बद्ध विकास प्रक्रिया तथा उन्हें खाद पानी देना और उत्पादन के बाद सिल्क या रेशम के कोकून को संग्रहित करने का काम शामिल होता है।
रेशम कीट पालन अधिकांश देशों में विशेष रूप से उच्च तापमान और उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों में किया जाता है। जिसके लिए विशेष प्रकार के रेशम कीटो को पालना आवश्यक होता है।
रेशम कीट पालन क्रिया और अन्य घरेलू कार्यों के साथ बड़ी आसानी से यह काम आप कर सकते हैं रेशम उत्पादन के मामले में भारत पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर आता है और प्रथम स्थान पर चीन आता है।
रेशम की किस्मे कितनी होती हैं? | How many Types of Silk are there?
व्यवसायिक तौर पर अगर देखा जाए तो रेशम मुख्यतः 5 प्रकार के होते हैं जो विभिन्न प्रकार के कीटों के प्रजातियों से प्राप्त किए जाते हैं जिनका नाम हम आपको नीचे बता दें-
- मूंगा रेशम
- ओक तसर रेशम
- शाहतूती रेशम
- गैर शहतूती रेशम
- कोसा रेशम
रेशम कीट पालन हेतु आवश्यक सामान | Essential items for Sericulture
रेशम कीट पालने के लिए यह कार्य छोटे स्तर पर हो या बड़े स्तर पर जिससे संबंधित बहुत सारे सामानो की आवश्यकता होती हैं जिससे कि आप अपना यह व्यवसाय शुरू कर पाते तथा रेशम कीट पालन प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। उन सामानों के बारे में हमने आपको नीचे बताया है-
- नायलॉन की जाली
- मोम लगा हुआ पैराफिन कागज़
- पत्ते के नेट्राइक
- फोम पैड
- किट पालन स्टैंड
- बिजली का स्प्रेयर
रेशम के व्यवसाय में लागत और सब्सिडी | Cost and Subsidy in Sericulture
व्यवसाय विशेष तौर पर निर्भर करता है कि आप किस पैमाने पर अपना यह बिजनेस शुरू कर रहे हैं तथा इसके लिए आपने कितनी बड़ी जमीन ले रखी है जितनी बड़ी जमीन होगी उतना ही आपको इन्वेस्ट करना होगा।
यदि आप छोटे स्तर पर यह काम शुरू कर रहे हैं तो कम से कम आपको ₹200000 की आवश्यकता होगी और अगर आप यह बड़े स्तर पर काम शुरू कर रहे हैं तो आपको कम से कम 8 से 1000000 रुपए इसमें इन्वेस्ट करने की आवश्यकता होती है।
जिसके लिए सरकार की तरफ से आपको 50% तक लोन दिया जाता है वह भी सब्सिडी के साथ में।
सिल्क फार्मिंग विधि | Silk Farming Method
रेशम कीट पालने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है शहतूत का पेड़| जिसके बिना आप रेशम कीट पालने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यह एक 2 वर्षीय पेड़ होता है जो कि कम से कम 15 वर्षों तक रेशम के कीड़ों को पत्तियां उपलब्ध करवाता है।
इस पेड़ को किसी भी तरह की कीटनाशक या परफ्यूम नहीं चलता| अगर ऐसे पत्ते रेशम के कीड़ो ने खाये तो वो कीड़े मर जाते है|
भारत में मुख्यत पांच प्रकार के रेशम पाए जाते हैं जिसमें वह मूंगा सिल्क, मूलबरी रेशम का उत्पादन करने वाला भारत इकलौता देश है तथा मूंगा रेशम का उत्पादन करने वाला भारत पूरे विश्व में इकलौता देश है। रेशम कीट पालन एक प्रकार का कृषि क्षेत्र विभाग है जो की नकदी फसल के रूप में जाना जाता है यहां से आपको मात्र 30 दिनों के अंदर ही उत्पादन मिलने शुरू हो जाते हैं।
आप साल में कम से कम 2 से 3 बार इस रेशम का उत्पादन ले सकते हो|
रेशम किट पालन के लिए भूमि | Land for Silk Kit
रेशम कीट पालने के लिए आपको ऐसी भूमि की आवश्यकता होती है जोकि शहतूत के पेड़ों के लिए अच्छी हो तथा जल ठहराव वहां सम्भव न हो। यह मिट्टी उस नहीं होनी चाहिए तथा साथ ही साथ वहां पर उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। क्षेत्र ऐसा होना चाहिए जहां जितनी हो सके तो था खाद के रूप में गोबर का छिड़काव करना चाहिए।
रेशम की खेती से मुनाफा | Profit in Silk Farming
रेशम की खेती एक बहुत मुनाफे वाली खेती है| रेशम के कोष की कीमत 50-60 हजार प्रति क्विंटल रहती है| और कभी ये कीमत बढ़ भी जाती है| और आप साल में 2 से 3 बार इसका उत्पादन लेंगे तो सोचिये कितना मुनाफा आपको होगा|
तो दोस्तों हमें आशा है कि आप को रेशम कीट पालन से संबंधित हुए सभी जानकारियां मिल चुकी है ऐसी ही और जानकारियों को पढ़ने के लिए आप हमारे दूसरे आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं।