दोस्तों यह एक ऐसा फल है जिसे हर देश में पसंद किया जाता है। और आज विश्व की बढ़ती जनसंख्य, मांग और स्ट्रॉबेरी की कीमत को देखते हुए अगर व्यवसायिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती की जाए तो बहुत फायदा हो सकता है। क्योंकि अन्य फलों की तुलना में ये ज्यादा महंगा होता है।
स्ट्रॉबेरी की खेती
दोस्तों दुनिया भर में स्ट्रॉबेरी की लगभग 600 किस्म में पाई जाती है। लेकिन भारत में मुख्यता 8 से 10 किस्में ही पाए जाते हैं। स्ट्रॉबेरी में विटामिन A,C और K भरपूर मात्रा में पाया जाता है। और इसका उपयोग खाने के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधनों व टूथपेस्ट वगैरा के लिए भी किया जाता है।
हम आपको इस लेख में स्ट्रॉबेरी की खेती करने के बारे में कुछ मुख्य बातें बताएंगे। जिसकी मदद से आपको स्ट्रॉबेरी की खेती करने में सहायता मिल जाएगी।
1- स्ट्रॉबेरी कि खेती के लिए एक ऐसे खेत की जरूरत होती है जहाँ भरपूर धुप हो, जल निकासी के लिए हल्के ढलान वाली जगह और उस खेत तक पानी कि पहुँच होनी चाहिए।मिट्टी में कार्बोनिक पदार्थो की मात्रा भरपूर होनी चाहिए। मिट्टी का पीएच 5.5 और 6.5 के बीच होना चाहिए।
2- Strawberry बहुत प्रकार के होते हैं। उनमें से आपको उस किस्म को चुनना होगा जो आपके यहां के जलवायु व मिट्टी के अनुकूल हो जिससे कि अच्छी पैदावार हो सके।
3- जिस खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती करनी है उस खेत से खरपतवार हटा देना चाहिए। और इस खेत की जुताई 6 से 7 इंच अंदर तक करवा के उसमें गोबर व जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए।
4- स्टोबेरी की खेती 4 से 5 महीने में पैदावार देने वाली खेती है। और इसकी खेती करने का सबसे सही समय सिंतबर से अक्टूबर का महीना माना गया है।
5- Strawberry की खेती में नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है। व हर 4 से 6 हफ्ते में खाद की आवश्यकता होती है।
6- कीट और रोगों से बचने के लिए खेत को मलबे मुक्त रखना चाहिए। व इसकी सही से देखभाल भी करनी चाहिए। क्योंकि स्ट्रॉबेरी के पौधे काफी नाजुक होते हैं।
7- Strawberry एक ऐसी खेती है जिसे कुछ क्षेत्रों में साल भर उगाया जाता है। जिसकी उपज व्यापारीक दृष्टिकोण से ही की जाती है।
स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए आपको बेड तैयार करने की जरूरत पड़ती है।
- A- Strawberry के पौधों की रोपाई के लिए बेड की चौड़ाई ढाई से 3 फीट की रखें। और एक बेड से दूसरे बेड की दूरी लगभग डेढ़ से दो फीट होनी चाहिए।
- B- सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम की पाइप लाइन बिछाने की जरूरत पड़ती है।
- C- पाइप बिछाने के बाद बेड पर प्लास्टिक पलवार यानी कि प्लास्टिक मल्चिंग बिछा दें और उसमें 20 से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर छेद कर दें।
- D- अब आपका खेत स्ट्रॉबेरी के पौधों की रोपाई के लिए तैयार है।
स्ट्रॉबेरी की खेती में कब की जाती है?
Strawberry के पौधों की बुवाई सितंबर महीने से अक्टूबर महीने के बीच में की जाती है लेकिन ठंडी जलवायु वाले मौसमों में इसकी खेती फरवरी और मार्च में की जा सकती है। और घर संरक्षित विधि से खेती की जाती है तो यह खेती दूसरे महीनों में भी की जा सकती है।
स्ट्रॉबेरी की खेती में लागत और मुनाफा-
1 एकड़ की खेती में लगभग 22000 पौधे लगाए जा सकते हैं। जिससे कि हर दिन 6 से 7 किलो फल प्राप्त किए जाते हैं। मतलब यह कि हर पौधे से 600 से 700 ग्राम फल प्राप्त किए जाते हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती में सामान्यतः सभी लागत मिलाकर 2 से ₹300000 तक की लागत लगती है लेकिन फसल तैयार होने पर सारे खर्च निकाल दिया जाए तो 5 से ₹600000 तक का मुनाफा भी होता है।
चुकी स्ट्रॉबेरी के फल लगभग डेढ़ महीने में ही फल देना शुरू कर देते हैं और अगले चार से 5 महीने तक फल देते ही रहते हैं इस हिसाब से यह खेती व्यापारिक दृष्टिकोण से बहुत ही फायदेमंद है।
Strawberry का भंडारण-
बिना दूल्हे हुए स्ट्रॉबेरी को रेफ्रिजरेटर में अगर अधिक ठंडी अवस्था में रखा जाए तो यह एक से डेढ़ हफ्ते तक स्टोर किए जा सकते हैं। ध्यान दें कि इन फलों पर नमी नहीं लगनी चाहिए जिसके लिए स्ट्रॉबेरी की परतों पर तोलिया फैला देना चाहिए।
उपयुक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आप स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते हैं।
दोस्तों आप ने हमारे इस लेख में पाया कि स्ट्रॉबेरी की खेती किस तरह से करनी चाहिए, और उन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि आप अपनी खेती अच्छे से कर सके, व अधिक से अधिक उपज तैयार कर सके। जो भी किसान स्ट्रॉबेरी की खेती को व्यवसायिक दृष्टिकोण से अपनाता है उसे इन बातों का ध्यान रखना ही चाहिए।