NRC का Full form है नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजंस (National Register for Citizens) होता है। जहां भारतीय राष्ट्रीय नागरिक का सारा डाटा फाइल किया जाता है।
NRC का उद्देश्य क्या है? | What is the Purpose of NRC?
एनआरसी (NRC) का उद्देश्य शुरू से रहा है कि भारत देश में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को वापस उनके देश भेजना। जैसे में भारत के असम राज्य में बांग्लादेशी और रोहिंग्या यानी माम्यांर से बहुत सारे लोग अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर के भारत आ गए हैं रहने के लिए और उन्हीं की पहचान करने के लिए तथा भारत वर्ष में जितने भी लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं तथा यहां के सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं उन्हीं की पहचान करने के लिए एनआरसी को लागू किया गया है।
NRC में शामिल होने के लिया क्या करना होगा? | How to be included in the NRC?
एनआरसी NRC में शामिल होने के लिए आप को यह साबित करना होगा कि आप भारत के नागरिक हैं तथा आपके पूर्वज सन 1971 से पहले ही भारत आ गए थे रहने के लिए तथा वे भारतीय नागरिक थे। इसके लिए विशेषकर मुस्लिम धर्म के लोगों को कुछ डॉक्यूमेंट दिखाने की आवश्यकता होगी। क्योंकि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देश मुस्लिमों के देश है। और मुस्लिम ही गैर तरीके से हिंदुस्तान में रहने के लिए आ रहे हैं। और इसी वजह से भारतीय मुस्लिमों को भी बहुत प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जो कि भारत के हैं। और भारतीय मुसलमानों को जो भी सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध होनी चाहिए वे दूसरे देशों के मुसलमान सुविधा ले रहे हैं। और इसीलिए अपने देश के हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी नागरिकों को बराबर दर्जा देने के लिए एनआरसी लाया गया है और घुसपैठियों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है।
NRC प्रूफ़ के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता है? | Documents for NRC Proof
एनआरसी के लिए भारत के वैध नागरिक होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। इसके लिए हर उस नागरिक को Refuse Certificate, आधार कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, Citizenship, पासपोर्ट या फिर सरकार द्वारा जारी किया गया लाइसेंस दिखाना अनिवार्य होगा।
NRC न साबित करने पर क्या होगा? | What will happen if NRC is not proved?
एनआरसी साबित नहीं कर पाने पर उस व्यक्ति को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा। इसके बाद वह जिस देश का नागरिक होगा वहां से पुष्टि करके उसे उसके देश में भेज दिया जाएगा।
भारत में पहली बार एनआरसी कब और कहां लागू हुआ?
भारत में पहली बार एनआरसी सन 1951 में जनगणना के बाद पेश किया गया था जिसे सबसे पहले असम राज्य में लागू किया गया था। जिसके द्वारा असम में रह रहे लोगों को उन व्यक्तियों तथा वंशजों के नाम शामिल किए गए थे। और असम में एनआरसी लाने का सबसे मुख्य कारण यही था कि बांग्लादेश राज्य अलग होने के बाद भी बांग्लादेशी मुस्लिम असम में आकर रह रहे थे जिसकी वजह से उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था तो वहां की सरकार ने वहां एनआरसी लागू कर दी।
असम राज्य से एनआरसी के संबंध में किसी भी जानकारी को जानने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
Offocial link : https://www.nrcassam.nic.in/index.html
दोस्तों हमें आशा है कि एनआरसी से संबंधित आपको सभी जानकारियां मिली है जिन्हें आप जानना चाहते थे। ऐसे ही और जानकारियों को पढ़ने के लिए आप हमारे आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं।