भारत देश में काफी प्राचीन समय से ही किसानों की कड़ी मेहनत और लगन की वजह से गन्नों की पैदावार अच्छी होती है जिससे कि गुड़ बनाया जाता है। और गुड़ बनाने का सबसे बड़ा कारण यही है कि हमारे देश में एक बड़ी संख्या को मीठा बहुत पसंद है। गुड़ खाने के शौकीन पुराने ही नहीं बल्कि नए लोग भी हैं जिसकी वजह से आज केवल गाँवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी गुड़ बिकते हुए दिख जाता है।
तो दोस्तों अगर आप भी चाहे तो गुड़ की इस भारी खपत को देखते हुए गुड़ का व्यापार कर सकते हैं। लेकिन इसका व्यापार करने से पहले आपको इस व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी रखना बेहद ही जरूरी है जो कि हम आपको अपने एक लेख में बताएंगे।
गुड़ बनाने का बिजनेस शुरू कैसे करें?
किसी भी व्यापार को करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। इसीलिए गुड़ का व्यापार करने से पहले आपको यह पता लगाना चाहिए कि आखिर गुड़ बनता कैसे है? इसकी खपत कितनी होती है? यह कहां से आता है? इसे बनाने में कौन से उपकरण की आवश्यकता होती है? ऐसी तमाम जानकारियां जो आपको आपके व्यापार में जानना जरूरी है। जिससे कि आगे चलकर आपको आपके व्यापार में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए।
गुड़ के प्रकार
गुड़ के कई प्रकार होते हैं जिनमें से-
कच्चे माल के हिसाब से-
- गन्ने का गुड़,
- खजूर का गुड़
- ताड़ का गुड़,
- जैविक गुड़ इत्यादि
रंग के हिसाब से-
- काला गुड़
- पतला या तरल गुड़
- पिला गुड़
- दानेदार गुड़ इत्यादि।
इन सभी प्रकार के गुणों की अपनी अलग अलग खासियत होती है जिसकी वजह से वह बाजार में बिकते हैं और इन सभी की बाजार में अलग-अलग समय पर अलग-अलग कीमतें भी होती है।
गुड़ बनाने के व्यापार में मार्केट रिसर्च
गुड़ का व्यवसाय करने से पहले आपको मार्केट रिसर्च करना बेहद ही जरूरी है जिसके द्वारा आप कुछ मुख्य बातों का विशेष ख्याल रख पाएंगे जैसे कि सही जगह का चयन करना, सही उपकरण का चयन करना और किस प्रकार के गुण बनाकर आप अधिक प्रॉफिट कमा सकते हैं, इस बात का चयन करना।
और इन सभी से भी आवश्यक कि आपको यह कार्य कहां से शुरू करना चाहिए? इसका ध्यान देना। इन सभी पहलुओं को मध्य नजर रखते हुए आपको आपके गुड़ बनाने के व्यवसाय को शुरू करना चाहिए।
गुड़ बनाने के व्यापार के लिए कच्चे माल की आवश्यकता
गुड़ बनाने के लिए सबसे पहले आपको कच्चे माल के रूप में गन्ने की आवश्यकता होती है। इसके लिए अगर आप चाहे तो यह व्यवसाय गन्ने की खेती से गुड़ बनाने तक कर सकते हैं। अन्यथा आप चाहे तो सीधे किसानों से गन्ने खरीद कर गुड़ बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको ट्रैक्टर और कुछ कर्मचारियों की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
गुड़ बनाने का कार्य केवल सर्दियों में ही होता है। क्योंकि दूसरे मौसम में अगर गुड़ बनाया जाए तो गुड़ की क्वालिटी खराब हो जाती है और यह काम सही ढंग से नहीं हो पाता है। इसीलिए गुड केवल सर्दियों में बनाया जाता है और उसके बाद इसे इस प्रकार से संचय करके रखा जाता है कि इसका साल भर उपयोग हो सके।
गुड़ बनाने के व्यापार के लिए मशीन एवं उपकरण
गुड़ बनाने के व्यवसाय के लिए आपको सबसे पहले गन्ना पेरने वाली मशीन की आवश्यकता होती है जिससे कि हम कोल्हु भी करते हैं। इसे बाजार से अगर आप चाहे तो 10,000 से ₹1,00,000 की कीमत में खरीद सकते हैं। अक्सर हमने गाँवों में देखा है की गांव के लोग बैल की सहायता से भी गन्ने का रस निकालने का काम करते हैं लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी होती है इसीलिए आपको अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए कोल्हु की आवश्यकता होगी। और साथ ही आपको विभिन्न प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है जैसे में-
- गन्ना पेरने वाली मशीन
- Generator
- ड्रम या टैंक
- लोहे की कढ़ाई
- लकड़ी का लंबा पौना
- भट्टी
- साँचा
गुड़ बनाने की विधि
सबसे पहले हमें कोल्हू मशीन की सहायता से गन्ने के रस को निकालना होता है। इसके पश्चात उस गन्ने के रस को बड़े से लोहे के कराहे में किसी साफ कॉटन के कपड़े या चालन से छान लेना चाहिए जिसके पश्चात उस बड़े से कराहे को भट्टे पर रखकर गुड़ बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। ध्यान रहे कि उस भट्टी में लगातार बराबर मात्रा में आग लगनी चाहिए जिससे कि गुड़ की न तो जलने का डर रहे और न हीं गाढ़ा होने का और साथ ही साथ गुड़ के पकने के प्रक्रिया में ऊपर आई हुई गाज को किसी बड़े पाने की सहायता से निकालते रहना चाहिए जिससे कि गुड काला नहीं पड़ता और उसका स्वाद भी अच्छा रहता है। अब जब गुड़ पक गया हो तो उस कराहे को नीचे उतार कर गुड़ को ठंडा करके संचय कर लेना चाहिए।
गुड़ बनाने के लिए सही स्थान
गुड़ बनाने के लिए काफी जगह की आवश्यकता होती है। जिसमें की भट्टे से लेकर गुड़ के कराहे को रखने और गुड़ को संचय करने की जगह तक की आवश्यकता होती है। और साथ ही साथ मार्केट भी पास में होना चाहिए जिससे कि गुड़ बनाने की प्रक्रिया में आवश्यक चीजें आसानी से मिल पाए।
गुड बनाने की व्यवसाय के लिए लाइसेंस एवं पंजीकरण
वैसे तो गांव में गुड़ बनाने के लिए किसी भी सरकारी लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन यदि यह कार्य बड़े पैमाने पर किसी व्यवसाय के तौर पर किया जाता है तो इसके लिए सरकार से सरकारी पोर्टल पर आवेदन के पश्चात आपको अपने व्यवसाय के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है और साथ ही साथ आपके कारखाने या दुकान के पंजीकरण की भी आवश्यकता होती है।
गुड़ बनाने के व्यवसाय में मजूर की आवश्यकता
गुड़ बनाने के व्यवसाय के लिए आपको बहुत सारे काम करने वालों की जरूरत पड़ती है। क्योंकि गुड़ बनाने का कार्य एक ऐसा कार्य है इसमें कच्चे माल यानी कि गन्ने को लाने के कार्य से शुरू करते हुए गन्ने के रस को निकालना, छानना, भट्टी में डालना, मिट्टी में बराबर आग लगाना, उसका महिया हटाना और साथ ही ईंधन की आवश्यकताओं को पूरा करना जैसे बहुत सारे कार्य होते हैं जिसमें लोगों की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिए आपको आपके गुड़ बनाने के व्यवसाय में स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी जो कि काफी मेहनती होने चाहिए और उन्हें गुड़ बनाने कि थोड़ी बहुत जानकारी तो होनी चाहिए।
गुड़ की पैकिंग
गुड़ बनाने के बाद में आपको गुड़ ठंडा होने के पश्चात उसे पैक करने की भी आवश्यकता होती है। यदि आप किसी ब्रांडेड या अच्छी क्वालिटी के गुड बना रहे हैं तो इसे उस हिसाब से पैक कर के बाजार में बेचना चाहिए जिससे कि लोग इसके साफ सफाई और अच्छी क्वालिटी को देखकर और खरीदना पसंद करें।
गुड़ बनाने की व्यवसाय में कुल लागत एवं मुनाफा
गुड़ बनाने के व्यवसाय में आपको बहुत सारी चीजें खरीदने की जरूरत पड़ जाती है जिसमें की गुड़ बनाने की मशीन जिसकी लागत कम से कम ₹1,00,000 तक की होती है। फिर जनरेटर या इंजन की आवश्यकता होती है जो कि बिजली चले जाने के बाद उसके उपयोग से आपका कार्य सुचारू रूप से चलता रहता है रुकता नहीं है। इसके लिए भी आपको कम से कम 50,000 से 1,00,000 की जरूरत पड़ती है। फिर कच्चे माल के रूप में गन्ने की आवश्यकता आपको पड़ती है जिसे आप अपने छोटे या बड़े पैमाने के व्यवसाय के तौर पर खरीदते हैं। साथ ही साथ लोहे की कड़ाही, चिमनी,सांचे जैसी तमाम ऐसी चीजें जिन की आवश्यकता गुड़ बनाने के व्यवसाय में पडती है।
इन सभी खर्चों को देखते हुए आपको 4 से 5 लाख की लागत इस व्यवसाय में आती है। यह लागत छोटे पैमाने के व्यवसाय के हिसाब से हम आपको बता रहे हैं। अगर आप कच्चे माल को धोने के लिए ट्रैक्टर की भी आवश्यकता होती है जिसके लिए आप चाहे तो ट्रैक्टर को भाड़े पर ले सकते हैं क्या अगर आप इसे खरीदने जाएंगे तो आपको 12 से 14,00,000 रुपए और अधिक खर्च करने पड़ जाएंगे। और साथ ही आपको आपके कर्मचारियों को उनकी सैलरी और कारखाने का भाड़ा और बिजली बिल भी देना पड़ता है।
लेकिन साथ ही आपको इस व्यापार में मुनाफा भी बहुत होता है यह व्यापार आप केवल सर्दियों में कर सकते हैं क्योंकि अच्छे गुड केवल सर्दियों में ही बन पाते हैं गर्मियों में यह नहीं बन पाते। 1 किलो गुड़ की कीमत कम से कम ₹40 से ₹50 तक होती है।जिसमे कि आप एक बिगहे की खेती में कम से कम आप 15 से 20 टन गुड़ उत्पादित कर सकते हैं।
इस हिसाब से आप 50×15000=7,50,000 रूपये 1 साल में कमा पाते हैं।
इस हिसाब से एक बार के निवेश के पश्चात आपको केवल कच्चे माल पर ही खर्च करने की आवश्यकता होती है और ट्रैक्टर के भाड़े पर उसके बाद आपको इस व्यवसाय में केवल मुनाफा ही मुनाफा प्राप्त होता है।
गुड़ बनाने के व्यवसाय की मार्केटिंग
आपके गुड़ बनाने के व्यवसाय को प्रमोट करने के लिए आपको सोशल मीडिया की भी सहायता लेनी चाहिए जहां पर आप-
- आपके द्वारा उत्पादित गुड़ के वीडियो और फोटो साझा करते सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं|
- अपने उत्पादित बुर्के स्वाद, पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साँझा करके भी लोगों को इसके लिए जागरूक बनाकर अपने व्यवसाय का प्रचार कर सकते हैं|
- अपने द्वारा बनाए गए गुड़ के गुणों को आप ब्लॉग और एक्सपोर्ट सलाह साझा करके भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और उनके स्वास्थ्य के बारे में उन्हें जागरूक कर सकते हैं।
- सबसे पहले आपको अपने व्यापारिक भागीदारी बनाने की आवश्यकता होती है जहां पर आप दुकानदारों, होटलों में अपने द्वारा बनाए गए गुड़ को उपलब्ध कराने का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
तो दोस्तों हमें आशा है कि हमारे द्वारा हमारे इस लेख में गुड़ बनाने के व्यवसाय में दी गई सभी विस्तृत जानकारियां अच्छे से समझ में आई होंगी और आप भी गुड़ का व्यवसाय करने में इन मुख्य बातों को ध्यान में रखकर ही अपना व्यवसाय शुरू करेंगे।