मूंगफली की जैविक खेती कैसे करे? | Mungfali ki Kheti Kaise Hoti Hai?

मूंगफली की खेती कैसे करें? | How to Cultivate Groundnut?

भारत में तरह-तरह की खेतिया पाई जाती हैं जिनमें से एक है मूंगफली की खेती (mungfali ki kheti) जो की तहिलयानी फसल के रूप में जानी जाती है। इसकी खेती भारत के कुछ राज्यों में जैसे में आंध्र प्रदेश तमिलनाडु उत्तर प्रदेश पंजाब राजस्थान में की जाती है। लेकिन आपको बता दे की सबसे अधिक मात्रा में इसकी खेती राजस्थान में होती है।

चलिए आज हम आपको बताएंगे अपने इस लेख में की मूंगफली की खेती किस प्रकार से की जाती है?

मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और तापमान | Climate, Soil and Temperature for Groundnut Cultivation (Mungfali ki Kheti)

मूंगफली की खेती अधिकतम उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है जिसके लिए गर्मी का महीना सबसे अच्छा माना जाता है अधिकांश देशों में यह अप्रैल से मई और सितंबर से जून महीने के बीच में की जाती है।जो कि न्यूनतम 15 डिग्री तथा अधिकतम 35 डिग्री तापमान वाली जलवायु रखनी चाहिए।

मूंगफली की खेती के लिए ऐसे भूमि की खोज करनी चाहिए जहां से जल निकासी आसानी से हो सके तथा वहां जल टकराव की आशंका ना बनी रहे। इसके लिए पीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है तथा उस मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।

मूंगफली की अच्छी किस्में | Good Varieties of Groundnut

  • आर.जी 425- इस मूंगफली के बीच को राज दुर्गा नाम से पुकारा जाता है इसकी रोपाई के तकरीबन 120 से 125 दिन बाद की यह बीच पैदावार देना शुरू कर देती है इस में कलर रोज नामक बीमारी कभी भी देखने को नहीं पाई गई है आज तक और यह भी प्रति हेक्टेयर में लगभग 28 से 36 कुंटल की पैदावार करते हैं। मूंगफली के पौधे हर प्रकार के सुखे को झेल लेते हैं।
  • H.N.G 10- मूंगफली के इन बीजों को अधिक पानी वाली जगहों पर खेती की जाती है यह 120 से 130 दिन के बीच में पैदावार देना आरंभ कर देते हैं मूंगफली के इन्हीं दानों से लगभग 50% तक तेल की मात्रा निकाली जाती है यह किस प्रति हेक्टेयर में लगभग 20 से 25 कुंटल का उत्पादन लेते हैं।
  • T.G 37 A, G.G2

मूंगफली की खेती तैयार करें तथा उसमें खाद की मात्रा | Mungfali ki Kheti Kaise Tyar Kare? Fertilizer Kitna Add kare?

मूंगफली के खेतों के लिए भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता बहुत अधिक होती है इसीलिए अगर आप मूंगफली की खेती करने जा रहे हैं उस खेत को गहरी जुताई करवा देना चाहिए तथा जुताई की बात कुछ समय के लिए इसे खुला ही छोड़ देना चाहिए जिससे कि इसमें उपयुक्त मात्रा में धुप  लग जाए जिसके बाद लगभग 10 से 15 गाड़ी पुरानी सूखे गोबर को खाद के तौर पर इन खेतों में डलवा देना चाहिए जिसके बाद इन खेतों में हलकी पानी की मात्रा से सिचाई  कर देना चाहिए और जब खेत सुखा हो जाए तब फिर से इस क्षेत्र को रोटावेटर द्वारा जुतवा कर मिट्टी को भूरभूरा करवा देना चाहिए जिसके बाद की खेत समतल हो जाता है।

मूंगफली की खेती के लिए प्राकृतिक खाद सबसे अच्छी होती है लेकिन अगर आप रासायनिक खाद का उपयोग भी करना चाहते हैं तो इन खेतों में 60 किलो की मात्रा में एनपीके(NPK) का छिड़काव करवाइए तथा जुताई के बाद कुछ नीम की खलियों का भी छिड़काव करवा देना चाहिए।

मूंगफली के बीजों के रोपाई का तरीका | Method of Transplanting Groundnut Seeds | mungfali ki kheti ke lie beej kaise boye?

मूंगफली को बीजों के रूप में रोपा जाता है इनके फलियों से बीजों को निकाल लिया जाता है जिसके बाद इन्हें कुछ रासायनिक क्रिया से उपचारित किया जाता है जिससे कि इनके बीज रोग मुक्त रहें तथा अच्छे से अंकुरित हो जाएं।

इनकी रोपाई करते समय ख्याल रखना चाहिए कि प्रत्येक पंक्ति के बीच में लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी बनी रहे तथा अधिक फैलाओ के लिए 45 से 50 सेंटीमीटर की दूरी भी प्रत्येक 14 के बीच में रख सकते हैं।

मूंगफली के पौधों की सिंचाई कितने दिनों में करें? | How to Irrigate Groundnut Plants?

मूंगफली एक खरीफ फसल है जिसके पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है अगर बारिश का मौसम है तो इनके पौधों को सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है ज्यादा लेकिन अगर सामान्य मौसम है तो 20 से 25 दिन के अंतराल पर उनके खेतों को  सिचाई  कर देना चाहिए जिससे कि उनके फलियां में नमी बनी रहे और अच्छी पैदावार हो सके।

मूंगफली के खेतों का रखरखाव तथा रोगों का रोकथाम | Maintenance of Groundnut Fields and Prevention of Diseases | Mungfali ki Kheti ka Maintenance aur Rogonse Bachav

मूंगफली की खेतों (Mungfali ki Kheti) को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए जिससे कि पौधों को किसी भी प्रकार के रोग लगने की आशंका ना रह जाए इसीलिए समय-समय पर खेतों की सफाई करनी चाहिए तथा ध्यान देना चाहिए कि किस पाली में कीटाणु लग रहे हैं उनके बढ़ने से पहले ही उसका उपचार कर देना चाहिए।

मूंगफली की पैदावार और उसके लाभ | Groundnut Yield and Its Benefits

मूंगफली के फलों की खुदाई बुवाई के 4 महीने बाद की जाती है यह देखते हुए की फलियां पक गई है कि नहीं इसके बाद तेज धूप में इनकी फलियों को सूखा लिया जाता है ताकि मैं नमी न रह जाए क्योंकि नमी होने से इनमें फफूंद लगने का खतरा बना रहता है।

मूंगफली के प्रति हेक्टेयर से लगभग 25 कुंटल मूंगफली के उत्पादन हो सकते हैं जिनका बाजार में मूल्य लगभग एक लाख से 130000 तक होती है इस हिसाब से यह बेहद ही लाभदायक खेती मानी जाती है।

तो दोस्तों हमें आशा है कि आपको इस लेख से सभी जानकारियां मिली है जिन्हें आप जानना चाहते थे ऐसे ही और जानकारी को पढ़ने के लिए आप हमारे दूसरे लेखकों को पढ़ सकते हैं।

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